ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है ।
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ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है । इस ब्लॉग पर जो भी लिखा मेरा निजी हैं उस दृष्टि कोण से आप असहमत हो तो कविता पढ़ कर भूल जाये और आगे जा कर अपनी पसंद के विचार खोजे

Wednesday, November 08, 2006

शायद इसी लिये

बहुत किया मैने
उसकी खुशी के लिये
बहुत किया उसने
मुझे खुश करने
के लिये
यही फरक है
मेरी और उसकी सोच मे
खुशी के लिये
किया हुआ हर काम
सही लगता है
और खुश करने के लिये
किया हुआ हर काम
गलती होता है
शायद इसी लिये
उसे हमेशा गलत होने
का एहसास होता है

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