दफ़न की हुई
यादो की कब्र पर
जिन्दगी का दिया
बुझने की लालसा मे
टिमटिमा रहा हैं
जब दिया बुझ जायेगा
कब्र को मज़ार कहा जाएगा
और
मन्नत मांगने के लिये
कोई ना कोई
अपने प्यार को पाने के लिये
अपनी यादो के साथ
वहां आकर
फिर एक दिया जलायेगा
प्यार फिर कहीं का कहीं
किसी ना किसी याद मे
किसी यादो की कब्र को
मज़ार बना ही जाएगा
यादो की कब्र पर
जिन्दगी का दिया
बुझने की लालसा मे
टिमटिमा रहा हैं
जब दिया बुझ जायेगा
कब्र को मज़ार कहा जाएगा
और
मन्नत मांगने के लिये
कोई ना कोई
अपने प्यार को पाने के लिये
अपनी यादो के साथ
वहां आकर
फिर एक दिया जलायेगा
प्यार फिर कहीं का कहीं
किसी ना किसी याद मे
किसी यादो की कब्र को
मज़ार बना ही जाएगा
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