कहीं से कहीं नहीं तक
कहीं नहीं से कहीं तक
बस यही जिन्दगी हैं
जो निरंतर हिचकोले लेती
बस चलती ही रहती हैं
कभी सफ़र का अंत ही
नये सफ़र की शुरुवात होता हैं
कभी कोई नया सफ़र
किसी पुराने सफ़र का अंत होता हैं
जैसे
कभी एक हिचकी
किसी की याद मे आती हैं
और
कभी एक हिचकी
सबको छोड़ कर जाने का सबब
बनजाती हैं
एक हिचकी मे सिमटा सा लगता हैं
जीवन का ये सफ़र
कहीं नहीं से कहीं तक
बस यही जिन्दगी हैं
जो निरंतर हिचकोले लेती
बस चलती ही रहती हैं
कभी सफ़र का अंत ही
नये सफ़र की शुरुवात होता हैं
कभी कोई नया सफ़र
किसी पुराने सफ़र का अंत होता हैं
जैसे
कभी एक हिचकी
किसी की याद मे आती हैं
और
कभी एक हिचकी
सबको छोड़ कर जाने का सबब
बनजाती हैं
एक हिचकी मे सिमटा सा लगता हैं
जीवन का ये सफ़र
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