किसी के वादे पर
उस पार साथ उतरने के
किसी ने अपना किनारा
छोड़ दिया
मझदार में डूब गयी
तैरना आता था
इस लिये उसपार
फिर भी पहुंची
जहां जहाँ ढूंढा
उस पहचाने चेहरे को
नहीं दिखा
फिर समझ आया
मुहं छिपा कर जीना
किसे कहते हैं
उस पार साथ उतरने के
किसी ने अपना किनारा
छोड़ दिया
मझदार में डूब गयी
तैरना आता था
इस लिये उसपार
फिर भी पहुंची
जहां जहाँ ढूंढा
उस पहचाने चेहरे को
नहीं दिखा
फिर समझ आया
मुहं छिपा कर जीना
किसे कहते हैं
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