जिंदगी की दूरी तो वो बढ़ा ही रही थी
फिर दिल की दूरियां क्यूँ उन्होने बढ़ा दी
साथ ना रह पाने वजह
क्यूँ बन जाती हैं
साथ ना चल पाने की वजह
जिनको जिंदगी से हम अपनी निकाल देते हैं
वही अपने दिल से हमें निकाल देते हैं
किसी को जिंदगी से निकाल देने से बेहतर हैं
उसको दिल से निकाल देना
जिंदगी फिर भी चलती रहती हैं
पर किसी के दिल मे रहने से
धड़कन थम सी जाती हैं और
याद बनकर रुक रुक कर आती जाती हैं
फिर दिल की दूरियां क्यूँ उन्होने बढ़ा दी
साथ ना रह पाने वजह
क्यूँ बन जाती हैं
साथ ना चल पाने की वजह
जिनको जिंदगी से हम अपनी निकाल देते हैं
वही अपने दिल से हमें निकाल देते हैं
किसी को जिंदगी से निकाल देने से बेहतर हैं
उसको दिल से निकाल देना
जिंदगी फिर भी चलती रहती हैं
पर किसी के दिल मे रहने से
धड़कन थम सी जाती हैं और
याद बनकर रुक रुक कर आती जाती हैं
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