ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है ।
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ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है । इस ब्लॉग पर जो भी लिखा मेरा निजी हैं उस दृष्टि कोण से आप असहमत हो तो कविता पढ़ कर भूल जाये और आगे जा कर अपनी पसंद के विचार खोजे

Tuesday, October 20, 2015

निःशुल्क

कहता हैं मेरा एक अजीजः
नहीं हैं इस दुनिया मे कुछ
निःशुल्क

प्यार , हंसी , विश्वास की
कीमत शायद उसने है
कभी चुकाई

इसीलिये प्रश्न था उसका
किस दुनिया में आप
रहती हैं ?

मेरे अजीजः
जिस दुनिया में
रहती हूँ मैं
वहाँ प्यार हैं
हँसी हैं
जिसको बांटती हूँ मैं
उनके साथ
जिनसे मैं जुड़ती हूँ
निःशुल्क


1 comment:

yashoda Agrawal said...

वाह....
पर प्रतिक्रियाएँ
पूर्णतः निशुल्क है
उत्तम पंक्तियाँ.....
जिस दुनिया में
रहती हूँ मैं
वहाँ प्यार हैं
हँसी हैं
जिसको बांटती हूँ मैं
उनके साथ
जिनसे मैं जुड़ती हूँ
निःशुल्क