आज मै अकेली हूँ
फिर तुम्हारी यादो ने मुझे घेरा है
कैसे अलग करु तुमसे अपने को
नहीं जानती
पर इतना जानती हूँ
अब हम नहीं मिलेगे
वक़्त जा रहा है
कहां पता नहीं ?
अपना पता नहीं है
वक़्त का पता
ढुढ़ कर क्या करूगी ?
फिर तुम्हारी यादो ने मुझे घेरा है
कैसे अलग करु तुमसे अपने को
नहीं जानती
पर इतना जानती हूँ
अब हम नहीं मिलेगे
वक़्त जा रहा है
कहां पता नहीं ?
अपना पता नहीं है
वक़्त का पता
ढुढ़ कर क्या करूगी ?
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