आज की भागम भाग जिन्दगी मे
सब की बिसात बिछी है
किसी का घोडा ढाई घर चलता है
किसी का ऊंट तिरछी चाल से मारता है
किसी का हाथी सीधा ही भिड़ता है
सब को चिन्ता है अपने अपने वजीर की
और सब बचाना चाहते है अपने राजा को
शह और मात के खेल मे
कब बाजी पलट जाये क्या पता
६४ खानों मे ६४ कलाये सबको दिखानी हैं
अपने को सफ़ेद और दूसरो को काला
बता कर बाज़ी जीतनी हैं
सब की बिसात बिछी है
किसी का घोडा ढाई घर चलता है
किसी का ऊंट तिरछी चाल से मारता है
किसी का हाथी सीधा ही भिड़ता है
सब को चिन्ता है अपने अपने वजीर की
और सब बचाना चाहते है अपने राजा को
शह और मात के खेल मे
कब बाजी पलट जाये क्या पता
६४ खानों मे ६४ कलाये सबको दिखानी हैं
अपने को सफ़ेद और दूसरो को काला
बता कर बाज़ी जीतनी हैं
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