दिल के बंद दरवाजो पर
दस्तक देती यादो से पूछा मैने ,
क्यों बारबार बंद दरवाजो को खटखटाती हो ?
क्यों बिन बुलाये हर तीज त्यौहार चली आती हो ?
एक याद बोली ,
मै आती कहा हैं , तुम बुलाती हो
दूसरी याद बोली ,
आती हूँ इसलिये ताकि तुम अकेली ना महसूस करो
फिर तीसरी याद ने कहा ,
मै आती नहीं भेजी जाती हूँ
वो ही मुझे बार बार तुम तक भेजते हैं ,
जो ख़ुद आ नहीं पाते हैं
यादो की दस्तक जारी हैं ,
दिल के बंद दरवाजो पर
दस्तक देती यादो से पूछा मैने ,
क्यों बारबार बंद दरवाजो को खटखटाती हो ?
क्यों बिन बुलाये हर तीज त्यौहार चली आती हो ?
एक याद बोली ,
मै आती कहा हैं , तुम बुलाती हो
दूसरी याद बोली ,
आती हूँ इसलिये ताकि तुम अकेली ना महसूस करो
फिर तीसरी याद ने कहा ,
मै आती नहीं भेजी जाती हूँ
वो ही मुझे बार बार तुम तक भेजते हैं ,
जो ख़ुद आ नहीं पाते हैं
यादो की दस्तक जारी हैं ,
दिल के बंद दरवाजो पर
No comments:
Post a Comment