हिंदू यानी कट्टरपंथी
बिल्कुल सही
तभी तो
हर रिश्ते को कट्टरता से
हिंदू ही निभाता हैं
हर धर्म को अपने मे
हिंदू ही समाता हैं
बिना ख़ुद को बदले
बिना दूसरो को बदले
सर्वधर्म सहिष्णु
सापेक्ष नहीं निरपेक्ष
हिंदू ही कहलाता हैं
हिंदुस्तान की नींव हैं हिंदू
नींव कौन हिला पाया हैं
संस्कार कौन बदल पाया
भाई कहा तो भाई माना
हिंदू होने का मतलब
बस हमे इतना ही
हमारे संस्कारो ने हमको समझाया हैं
अच्छा ही हैं कि कट्टरवादी
हमारे संस्कारो ने हमे बनाया हैं
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