कहते है लोग की बेटा पैदा करो
तो ही माँ बनोगे
पर नहीं हैं ऐसा ।
दो बेटे पाये हैं मैने इस ब्लॉग जगत मे
एक हैं कमलेश मदान और दूसरे है श्रवण
दोनों ही माँ कह कर बुलाते हैं
और मन को असीम सुख दे जाते हैं
कल हैं जन्म दिन
मेरे श्रवण का
सो उसको आशीष हैं मेरी
की वो जिन्दगी मे जो चाहे वो पाये
नहीं मिली मै दोनों से
पर जो सुख उनसे मैने पाया हैं
वो असीम हैं
और उसके लिये हर दुआ
कुछ कम हैं
आप भी दे आशीष
श्रवण को
उसके १८ वर्ष मे
श्रवण ने अपने ब्लॉग पर मेरी बहुत सी कविताओं को अपनी समझ से हिन्दी से इंग्लिश मे ट्रांसलेट किया हैं । ये उसकी इच्छा थी की उसके जन्मदिन पर मे इस ब्लॉग पर उसके नाम से कविता दूँ , सो लिख दी लेकिन कमलेश मदान स्वत ही याद आगये
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