जो आप करती हैं
वो सब मै भी करती हूँ
अपने घर मे
उसके साथ साथ
टैक्स भी भर्ती हूँ
अगर आप से कोई प्रश्न करता हैं
डू यु वर्क ??
तो आप को लगता हैं ये प्रश्न
बेमानी हैं
और आत्म मंथन आप को करना पड़ता हैं
काश आप भी काम करती
और फिर समझती
कितना सुख होता हैं
अपनी आय अर्जित करने का
और उसके साथ साथ
सरकार को टैक्स देने का
ताकि सरकारी योजनाये नयी बन सके
उनके लिये जो काम नहीं करते
बस एक जवाब कुछ तलख सा अलग सा घुघूती जी की कविता पर
वो सब मै भी करती हूँ
अपने घर मे
उसके साथ साथ
टैक्स भी भर्ती हूँ
अगर आप से कोई प्रश्न करता हैं
डू यु वर्क ??
तो आप को लगता हैं ये प्रश्न
बेमानी हैं
और आत्म मंथन आप को करना पड़ता हैं
काश आप भी काम करती
और फिर समझती
कितना सुख होता हैं
अपनी आय अर्जित करने का
और उसके साथ साथ
सरकार को टैक्स देने का
ताकि सरकारी योजनाये नयी बन सके
उनके लिये जो काम नहीं करते
बस एक जवाब कुछ तलख सा अलग सा घुघूती जी की कविता पर
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