ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है ।
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ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है । इस ब्लॉग पर जो भी लिखा मेरा निजी हैं उस दृष्टि कोण से आप असहमत हो तो कविता पढ़ कर भूल जाये और आगे जा कर अपनी पसंद के विचार खोजे

Thursday, August 23, 2007

शब्द कहाँ से लाऊँ वो ?

शब्द
जो गले मे अटकते है
शूल बनकर दिल को
चुभते है
शब्द
जो कलम से फिसलते है
फाँस बनकर दूसरो को
लगते है

शब्द
जो नहीं भरमाते है
सबको पसंद नहीं
आते है
शब्द
जो मन भाते है
सब को पसंद
आते है

शब्द
जो मन भाते है
वोही भरमाते है
शब्द
जो भावना की
स्याही से
लिखे जाते है
शीतलता दे जाते है

शब्द
कहाँ से लाऊँ वो
जो लाये तुमको
मिलाये हमको