ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है ।
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ये ब्लोग कोलाज है शब्दो का क्योकि मै वह नहीं देख पाती जो सब देख पाते है.मेरी कविताओं मे अगर आप अपने को पाते है तो ये महज इतिफाक है । जिन्दगी की सचाईयाँ सबके लिये एक सी होती है सिर्फ नजरिया देखने का अलग अलग होता है । इस ब्लॉग पर जो भी लिखा मेरा निजी हैं उस दृष्टि कोण से आप असहमत हो तो कविता पढ़ कर भूल जाये और आगे जा कर अपनी पसंद के विचार खोजे

Wednesday, October 15, 2008

हिन्दुस्तानी या भारतीय

मेरी सरज़मी हैं हिंदुस्तान
हिन्दुओ का स्थान
फक्र हैं मुझे की मै
हिंदू हूँ , हिन्दुस्तानी हूँ

एक मुसलमान लड़की ने
साड़ी पहन कर
तसवीर अपनी सबको दीखाई
सबकी लाडली बनी और
ताली सब हिन्दुओ ने बजाई

किसी को वो बहादुर और
किसी को वो अपनी बेटी नज़र आयी
उसके तीखे लेखन पर जो करतल ध्वनि
करते नज़र आते हैं अपनी बेटी को
चुप रहने और मीठा बोलने का पाठ पढाते हैं

कहा लिखा हैं की साड़ी
हिन्दुओ की पारम्परिक पोशाक हैं ??
क्या हिंदू चाहते हैं की
उनकी बेटिया बुर्का पहने और
मुसलमानों से ताली पाए

मन्दिर शायद ही रोज मै जाती हूँ
क्युकी मेरा कर्म ही मेरी पूजा हैं
साड़ी ही नहीं हैं
स्कर्ट , जींस , टॉप , गरारा , शरारा
और सूट भी पहनती हूँ
क्या इसीलिये कहा जाता हैं
मै पाश्चात्य सभ्यता की अनुयाई हूँ
और समाज मै अनैतिकता मुझ से आती हैं


जो पाश्चात्य सभ्यता के अनुयाई हैं
जिनके धर्म मे पुजती हैं " वर्जिन मेरी "
वो सबसे ज्यादा परेशान नज़र आते हैं
भारतीय सभ्यता पर पाश्चात्य सभ्यता
के दुश प्रभाव से


हिन्दी हैं भारत माँ के माथे की बिंदी
हिंदू को वो समझाते हैं
जिनके याहां बिंदी
लगाना पाप या कुफ्र हैं


मिशनरी स्कूल मै पढ़ती थी
मिशनरी का मतलब था
एक मिशन से बंधा हुआ
मिशन बच्चो को पढाने का
उनमे शिक्षा का प्रसार करने का
और वही होता था
फिर अब कैसे और क्यूँ
मिशनरी का मतलब बन गया
मिशन बच्चो को धरम के प्रति
जागरूक बनाने का


कही किसी मुस्लिम लड़की ने लिख दिया
मार दो गोली मुसलमानों को
सजदे मै झुक गए हजारो हिंदू सिर
अपनी बेटियाँ आगे ना जाए
दुसरो की बेटियाँ आगे जाए
क्या यही होता हैं हिंदू होना



एक नन को संत उन्होने बनाया
हमने भी नमन किया और
सर माथे उसे बिठाया
पर हमारे भगवान् ढकोसला
हमारा धरम कट्टरवादी
ये भी वही कहते हैं

क्यूँ सुने हम
क्या अब अपने देश मे
हिंदू को पूजा करने के लिये
उनकी आज्ञा लेनी होगी



हिंदुस्तान मे तुम जहाँ
चाहो मस्जिद और चर्च बनाओ
पर एक हिंदू मन्दिर अगर
रोम मे बनाना हो तो
सरकारी परमिशन लाओ


हिंदू सुहागिन का मंगल सूत्र
बस और बस एक जेवर

होता हैं दूसरे देश मे !!

दर्द होता हैं जब
अपमान होता हैं
हमारी संस्कृति का


क्या भारतीय होना
हिन्दुस्तानी होने से अलग होता है
क्यूँ जब भारतीये होने की बात आती हैं
तो सब भारतीये बनने को तैयार हैं
पर हिन्दुस्तानी कहने मे
उनको हिंदू होने की गंध आती हैं


क्यूँ
अपने ही देश मे हिन्दुस्तानी
विदेशी होता जारहा हैं
और भारतीये का चोला पहन
हर विदेशी हिंदुस्तान को
इंडिया बना रहा हैं

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