बड़ी हंसी आती हैं जब
एक कन्हैया
यूनिवर्सिटी को
शिक्षा मंदिर कह देने से
भड़क जाता है
बड़ी हंसी आती हैं जब
कोई कानून से मिली फांसी को
ग़ैर क़ानूनी बताता हैं
और एनकाउंटर पर
कानून की बात करता हैं
बड़ी हंसी आती हैं जब
२५ साल के युवा
बच्चे कहलाते हैं
बड़ी हंसी आती हैं जब
पढ़ाई के नाम पर स्कॉलर शिप
जाति आधरित दिये जाते हैं
बड़ी हंसी आती हैं जब
सालो स्कॉलर शिप फेलोशिप पाने वाले
आत्म निर्भरता का पाठ पढ़ाते हैं
बड़ी हंसी आती हैं जब
प्राइवेट सेकटर में
रिजर्वेशन की बात होती हैं
बड़ी हंसी आती हैं जब
सरकारी खजाने को लूटने वाले
नयी सरकार को असहिष्णु बताते हैं
लेकिन
खून खौलता हैं
जब देश को कोई गरियाता हैं
किसी शहीद सैनिक की जगह
एक टेररिस्ट को शहीद
और दूसरे टेररिस्ट को
देश की बेटी
बताया जाता हैं
2 comments:
बहुत सटीक रचना
पर सिर्फ कुढने से कुछ नहीं होनेवाला, विरोध मुखर होना चाहिए !
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