आज फिर दिखा
मिडल क्लास का एक आदमी
एक फ्लाई ओवर के ऊपर
एक रिक्शे पर सवार
एक पत्नी
तीन छोटे बच्चे
और दो भारी भरकम अटैची
को पीछे से धक्का देते हुए
दो रिक्शे ना अफोर्ड कर पाना
चढाई पर अकेला रिक्शे वाला कैसे खीचेगा
यही हैं मिडल क्लास मानसिकता
पत्नी भी उत्तर सकती थी
आफ्टर ऑल अर्धांगिनी थी
सुख दुःख की साथी थी
नहीं उतरी क्युकी वहाँ
वो पहले नारी थी
सुकुमारी थी
ख़ैर
ईश्वर से प्रार्थना हैं
मिडल क्लास के इस आदमी को
बनाए रखना
अपने परिवार के प्रति
मानवता के प्रति उसका प्रेम जगाये रखना
मिडल क्लास का एक आदमी
एक फ्लाई ओवर के ऊपर
एक रिक्शे पर सवार
एक पत्नी
तीन छोटे बच्चे
और दो भारी भरकम अटैची
को पीछे से धक्का देते हुए
दो रिक्शे ना अफोर्ड कर पाना
चढाई पर अकेला रिक्शे वाला कैसे खीचेगा
यही हैं मिडल क्लास मानसिकता
पत्नी भी उत्तर सकती थी
आफ्टर ऑल अर्धांगिनी थी
सुख दुःख की साथी थी
नहीं उतरी क्युकी वहाँ
वो पहले नारी थी
सुकुमारी थी
ख़ैर
ईश्वर से प्रार्थना हैं
मिडल क्लास के इस आदमी को
बनाए रखना
अपने परिवार के प्रति
मानवता के प्रति उसका प्रेम जगाये रखना
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